भारत में वर्तमान मामलों करंट अफेयर्स का अवलोकन Observation of current affairs in India

 भारत में वर्तमान मामलों (करंट अफेयर्स) का अवलोकन, मई 2025 तक की स्थिति के आधार पर, विभिन्न क्षेत्रों जैसे राजनीति, अर्थव्यवस्था, सामाजिक मुद्दे, स्वास्थ्य, और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को कवर करता है। नीचे कुछ प्रमुख बिंदुओं का सारांश दिया गया है, जो हाल के वेब और सोशल मीडिया स्रोतों पर आधारित है।



1. राजनीति और प्रशासन

- पहलगाम आतंकी हमला और भारत-पाकिस्तान तनाव: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है। यह कदम पाकिस्तान से प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद के जवाब में उठाया गया। इसके अलावा, अटारी सीमा को सील कर दिया गया, पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द किए गए, और पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारियों की संख्या कम की गई।

- सुप्रीम कोर्ट के फैसले: सुप्रीम कोर्ट ने संभल की जामा मस्जिद सर्वे पर रोक लगाई और वक्फ संशोधन अधिनियम से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई की। इसके अलावा, मनीष सिसोदिया और के. कविता को विभिन्न मामलों में जमानत दी गई।

- दलितों के खिलाफ अत्याचार: कांग्रेस ने राष्ट्रपति के अभिभाषण में दलितों और महिलाओं के मुद्दों को उठाया, लेकिन राजस्थान के बालोतरा में एक दलित युवक की हत्या का मामला सामने आया, जिसमें दो महीने बाद भी अपराधी पकड़े नहीं गए।

- न्याय वितरण में क्षेत्रीय असमानता: इंडिया जस्टिस रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण भारत के राज्य (कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल आदि) न्याय वितरण में उत्तर भारत के राज्यों से आगे हैं। उत्तर भारतीय राज्यों में सुधार धीमा रहा है


2.अर्थव्यवस्था और विकास

- जनसंख्या और बेरोजगारी: भारत ने जनसंख्या के मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया है, लेकिन बेरोजगारी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। भारत में बेरोजगारी दर लगभग 7% है, और कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी केवल 20% है। रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए निवेश और कौशल विकास पर जोर देना जरूरी है।

- मेडिकल डिवाइस विनियामक: भारत अंतरराष्ट्रीय मेडिकल डिवाइस रेगुलेटर्स फोरम (IMDRF) का संबद्ध सदस्य बना, जिससे मेडिकल डिवाइस विनियामक प्रणाली मजबूत होगी।

- तकनीकी नवाचार: IIT इंदौर ने फोटोअकाउस्टिक तकनीक पर आधारित एक किफायती उपकरण विकसित किया, जो ग्रामीण क्षेत्रों में स्तन कैंसर के प्रारंभिक निदान में मदद करेगा।

- सर्वम AI का लॉन्च: भारतीय स्टार्टअप सर्वम AI ने 10 भारतीय भाषाओं को समर्थन देने वाला ओपन-सोर्स लैंग्वेज मॉडल सर्वम-1 लॉन्च किया।


 3. स्वास्थ्य

-एचएमपीवी वायरस भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के तीन मामले सामने आए, दो कर्नाटक और एक गुजरात से। ये मामले 2 साल से कम उम्र के बच्चों में दर्ज किए गए। विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस नया नहीं है और घबराने की जरूरत नहीं, लेकिन सावधानी बरतना जरूरी है।

- तपेदिक (टीबी): 2023 में भारत में 25.37 लाख टीबी के मामले दर्ज हुए, जो वैश्विक टीबी मामलों का 25% है। 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य चुनौतीपूर्ण बना हुआ है

- खसरा: मध्य प्रदेश के मैहर जिले में खसरे के मामले बढ़े, जिसमें दो बच्चों की मौत हुई। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने टीकाकरण की कमी को लेकर चेतावनी दी है।

- भूजल दोहन: भारत भूजल दोहन में शीर्ष देशों में शामिल है, जो जलवायु परिवर्तन के साथ जल संकट को बढ़ा रहा है।

 4 सामाजिक मुद्दे

- महिलाओं के खिलाफ अपराध: नए आपराधिक कानून (भारतीय न्याय संहिता) लागू होने के बावजूद, बलात्कार के मामलों में सजा की दर कम बनी हुई है। 2022 में दो लाख मामले लंबित थे, जिनमें से केवल 5,000 में सजा हुई।

- स्वच्छता और गरीबी: भारत में 70 करोड़ लोगों के घरों में शौचालय की कमी है, जिससे स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं। गरीबी भी एक बड़ी चुनौती है, जिसमें 37% आबादी अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा से नीचे है।



5. अंतरराष्ट्रीय संबंध

- रक्षा सौदे: भारत और फ्रांस ने 26 राफेल विमानों की खरीद के लिए एक अंतर-सरकारी समझौता किया, जिसमें प्रशिक्षण और सिमुलेटर शामिल हैं।

- पाकिस्तान के साथ तनाव: पहलगाम हमले के बाद भारत ने कड़े कदम उठाए, जिसमें सिंधु जल संधि का निलंबन और सीमा सील करना शामिल है। ब्रिटेन के पूर्व पीएम ऋषि सुनक और इजराइल ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया।


6. पर्यावरण और बुनियादी ढांचा

- सड़क हादसे: भारत सड़क हादसों में दुनिया में तीसरे स्थान पर है। 40% मौतें समय पर प्राथमिक उपचार की कमी के कारण होती हैं।

- प्रदूषण: यमुना जैसी नदियां अत्यधिक प्रदूषित हैं, और अनुपचारित सीवेज जल प्रदूषण का प्रमुख कारण है।



भारत में वर्तमान मामले जटिल और बहुआयामी हैं। आतंकवाद, बेरोजगारी, और स्वास्थ्य चुनौतियों जैसे मुद्दे सरकार के लिए प्राथमिकता बने हुए हैं, जबकि तकनीकी नवाचार और अंतरराष्ट्रीय सहयोग प्रगति के संकेत दे रहे हैं। सामाजिक और पर्यावरणीय मुद्दों पर दीर्घकालिक समाधान की आवश्यकता है।


नोट: यह जानकारी उपलब्ध स्रोतों पर आधारित है और इसमें बदलाव हो सकता है। अधिक जानकारी के लिए विश्वसनीय समाचार स्रोतों को देखें

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