ऑपरेशन सिंदूर: ताजा अपडेट्स और पूर्ण समाचार (हिंदी में) operation sindoor updates full news in hindi

 ऑपरेशन सिंदूर: ताजा अपडेट्स और पूर्ण समाचार (हिंदी में)



ऑपरेशन सिंदूर का अवलोकन

ऑपरेशन सिंदूर भारत द्वारा शुरू की गई एक सैन्य कार्रवाई है, जो 22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब है, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। इस ऑपरेशन का उद्देश्य पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों को नष्ट करना और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश देना था। ऑपरेशन 7 मई, 2025 को शुरू हुआ और चार दिनों तक चला, जिसके बाद दोनों देशों के बीच युद्धविराम समझौता हुआ।


मुख्य अपडेट्स 

1. ऑपरेशन का प्रारंभ और लक्ष्य 

   - 7 मई, 2025 को भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल और हवाई हमले किए। इन ठिकानों में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों के प्रशिक्षण और परिचालन केंद्र शामिल थे।

   - ऑपरेशन का सैन्य लक्ष्य आतंकवाद के अपराधियों को दंडित करना और आतंकी बुनियादी ढांचे को नष्ट करना था। राजनीतिक लक्ष्य में सिंधु जल संधि को तब तक निलंबित रखना शामिल था, जब तक सीमा पार आतंकवाद पर अंकुश नहीं लगता। 

   - भारतीय सेना ने आतंकी ठिकानों को "राख" कर दिया, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी और 35-40 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए। 


2. प्रमुख आतंकवादियों का खात्मा

   - ऑपरेशन में कई हाई-प्रोफाइल आतंकवादी मारे गए, जिनमें 1999 के IC-814 अपहरण और 2019 के पुलवामा हमले में शामिल यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदासिर अहमद शामिल हैं।

   - जैश-ए-मोहम्मद के सदस्य मोहम्मद हसन खान और मसूद अजहर के परिवार के 14 लोग भी हवाई हमलों में मारे गए। 

3. पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और युद्धविराम उल्लंघन

   - पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में ड्रोन और मिसाइल हमले शुरू किए, जिन्हें भारतीय सेना ने प्रभावी ढंग से नाकाम कर दिया। 

   - 10 मई को दोनों देशों ने युद्धविराम समझौते पर सहमति जताई, लेकिन पाकिस्तान ने कुछ घंटों बाद ही अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा (LoC) पर गोलीबारी शुरू कर दी। 

   - विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने 10 मई की रात 11 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पाकिस्तान ने समझौते का उल्लंघन किया है, और भारतीय सेना को किसी भी उल्लंघन से सख्ती से निपटने का निर्देश दिया गया है।


4. भारतीय नौसेना और वायुसेना की भूमिका

   - भारतीय नौसेना ने अरब सागर में अपनी तैनाती के माध्यम से पाकिस्तानी नौसेना को बंदरगाहों तक सीमित कर दिया। वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने बताया कि नौसेना की कैरियर बैटल ग्रुप्स, पनडुब्बियां और विमानन संपत्तियां पूरी तरह से युद्ध के लिए तैयार थीं।

   - भारतीय वायुसेना ने सटीक हमले किए, जिसमें कुछ पाकिस्तानी विमानों को मार गिराया गया। डीजी एयर ऑप्स एयर मार्शल एके भारती ने बताया कि ऑपरेशन के सभी उद्देश्य हासिल किए गए, और सभी भारतीय पायलट सुरक्षित घर लौट आए। 

5. राजनीतिक और सामाजिक समर्थन

   - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सशस्त्र बलों को निर्देश दिया कि पाकिस्तान की हर कार्रवाई का जवाब और अधिक बलपूर्वक दिया जाए। 

   - रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सर्वदलीय बैठक में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर जारी है, और यदि पाकिस्तान स्थिति को बढ़ाता है तो भारत जवाबी कार्रवाई करेगा।  

   - राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत और उद्योग निकाय CII ने ऑपरेशन को पूर्ण समर्थन दिया। 

   - कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जन खड़गे ने भी सरकार के कदम का समर्थन किया।


6. नवीनतम घटनाक्रम (12 मई, 2025)  

   - भारतीय और पाकिस्तानी डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) आज दोपहर 12 बजे युद्धविराम समझौते पर चर्चा के लिए बातचीत करेंगे। 

   - भारतीय सेना ने बताया कि जम्मू-कश्मीर और अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में रात अपेक्षाकृत शांत रही।  

   - रविवार को एक त्रि-सेवा प्रेस कॉन्फ्रेंस में, डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, डीजीएओ एयर मार्शल एके भारती, और डीजीएनओ वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने ऑपरेशन की सफलता की विस्तृत जानकारी दी। 


विवाद और अन्य विका

- फिल्म की घोषणा और विवाद: निक्की-विक्की भगनानी फिल्म्स और कंटेंट इंजीनियर ने ऑपरेशन सिंदूर पर एक फिल्म बनाने की घोषणा की, जिसका पहला पोस्टर जारी किया गया। हालांकि, सोशल मीडिया पर आलोचना के बाद फिल्म निर्देशक उत्तम माहेश्वरी को माफी मांगनी पड़ी।  

- पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों की उपस्थिति: भारत ने उन पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों के नाम जारी किए, जो ऑपरेशन में मारे गए आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे। आतंकवादियों के ताबूतों को पाकिस्तानी झंडे में लपेटा गया था। 


निष्कर्ष  

ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की आतंकवाद के खिलाफ "शून्य सहनशीलता" नीति को रेखांकित किया है। इसने न केवल आतंकी बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचाया, बल्कि पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश भी दिया कि सीमा पार आतंकवाद के परिणाम होंगे। युद्धविराम के बावजूद, दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है, और DGMO स्तर की बातचीत से स्थिति स्पष्ट होने की उम्मीद है।


नोट: यह जानकारी विभिन्न वेब स्रोतों और X पर उपलब्ध पोस्ट से संकलित की गई है। स्थिति गतिशील है, और नवीनतम अपडेट के लिए विश्वसनीय समाचार स्रोतों का अनुसरण करें।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ