Bulls get angry when they see the color red ? full story in hindi

 बैलों के गुस्से और लाल रंग की कहानी एक आम मिथक है, जिसे लोग अक्सर सच मान लेते हैं। लेकिन वैज्ञानिक तथ्य इसके उलट हैं। आइए इसकी पूरी कहानी हिंदी में समझते हैं।



 मिथक की शुरुआत

लोकप्रिय धारणा है कि बैल लाल रंग देखकर गुस्सा हो जाते हैं और हमला कर देते हैं। यह विश्वास विशेष रूप से मैटाडोर (Matador) खेलों से जुड़ा है, जो स्पेन और कुछ लैटिन अमेरिकी देशों में प्रसिद्ध है। इन खेलों में, मैटाडोर लाल रंग का कपड़ा (मुलेटा) लहराता है, और बैल उसकी ओर दौड़ता है। इससे लोगों ने मान लिया कि बैल लाल रंग से उत्तेजित हो रहा है।


वैज्ञानिक सच्चाई

वास्तव में, बैल रंगों को नहीं देख सकते जैसे इंसान देखते हैं। बैल और गाय जैसे जानवर रंग-अंधे (colorblind) होते हैं, खासकर लाल और हरे रंग के लिए। उनकी आँखों में रंग पहचानने वाले कोशिकाएँ (cones) इंसानों की तुलना में कम विकसित होती हैं। इसका मतलब है कि बैल के लिए लाल रंग का कोई खास महत्व नहीं है।


तो फिर बैल मैटाडोर की ओर क्यों दौड़ता है? इसका जवाब है हरकत (movement)। बैल कपड़े की गति पर प्रतिक्रिया देता है, न कि उसके रंग पर। अगर मैटाडोर नीले, सफेद, या किसी अन्य रंग के कपड़े को लहराए, तब भी बैल उसी तरह दौड़ेगा। वैज्ञानिक अध्ययनों और प्रयोगों में यह सिद्ध हो चुका है कि बैल रंग की बजाय गतिमान वस्तु पर ध्यान देते हैं।


मिथक क्यों बना?

1. सांस्कृतिक प्रभाव: मैटाडोर खेलों में लाल कपड़े का उपयोग एक परंपरा बन गया। लाल रंग नाटकीय और आकर्षक लगता है, जिससे दर्शकों का उत्साह बढ़ता है। साथ ही, लाल रंग खून के धब्बों को छिपाने में मदद करता है, जो खेल के दौरान हो सकता है।

2. गलतफहमी: लोगों ने बैल की प्रतिक्रिया को रंग से जोड़कर गलत निष्कर्ष निकाला। यह मिथक इतना प्रचलित हो गया कि इसे सच मान लिया गया।

3. मनोरंजन और कहानियाँ: फिल्मों, कार्टूनों और कहानियों में बैल को लाल रंग देखकर गुस्सा होने के रूप में दिखाया जाता है, जिसने इस मिथक को और बढ़ावा दिया।


रोचक तथ्य

- बैल स्वभाव से शांत जानवर होते हैं और बिना उकसावे के हमला नहीं करते। मैटाडोर खेलों में उन्हें जानबूझकर उत्तेजित किया जाता है।

- कुछ प्रयोगों में, बैलों के सामने स्थिर लाल वस्तुएँ रखी गईं, और उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। लेकिन जैसे ही वस्तु को हिलाया गया, बैल सक्रिय हो गए।

- बैल की दृष्टि गति और आकार पर अधिक केंद्रित होती है, रंग पर नहीं।


निष्कर्ष

बैल का लाल रंग से गुस्सा होना एक मिथक है, जो सांस्कृतिक परंपराओं और गलतफहमियों से पैदा हुआ। असल में, बैल गति पर प्रतिक्रिया देते हैं, न कि रंग पर। यह कहानी हमें सिखाती है कि हमें हर लोकप्रिय धारणा को बिना जांचे सच नहीं मानना चाहिए। विज्ञान और तथ्य हमें सच का पता लगाने में मदद करते हैं।


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